हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के वीसी से खास मुलाकात
एचपीडीए को विकास को राह पर ले जा रहे हैं डॉ. नितिन गौड़

हापुड़/गाजियाबाद। एक आईएएस जो अपनी कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाना जाता है। आईएएस लॉबी में जिसकी पहचान एक मृदुल और सरल स्वभाव के धनी अधिकारी के रूप में होती है। हम बात कर रहे हैं वर्तमान में पिलखुआ हापुड़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. नितिन गौड़ की। दरअसल, जितने भी जनपदों में उनकी तैनाती रही, वहां उन्होंने अपनी कर्तव्यशैली से एक अलग ही छाप छोड़ी। हापुड़ ट्रांसफर होने से पहले से पहले उन्होंने गाजियाबाद में नगरायुक्त का पद करीब 1 साल तक संभाल था। इसके अलावा वह मथुरा और मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ. नितिन गौड़ की अधिकांश पढ़ाई दिल्ली में हुई जहां से उन्होंने एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की थी। यानी वह एक मेडिकल स्टूडेंट भी रह चुके हैं। उनके डेडीकेशन का अंदाजा आप इस बात से लगाइए की मेडिकल लाइन में भी उन्होंने खुद को साबित किया। डॉ. गौड़ ने मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एक किताब भी लिखी जिसका शीर्षक ‘करियर चॉइस पोस्ट एमबीबीएस और इनीशिएटिव टू मेंटल मेडिकोज फॉर देयर अल्टीमेट ड्रीम’ है। इसी तरह उन्होंने सिविल सर्विस में भी अपना अहम योगदान दिया। गाजियाबाद में नगर आयुक्त रहते उन्होंने नगर निगम की आमदनी बढ़ाने में अहम योगदान दिया था। वहीं, अब हापुड़ पिलखुवा में भी वह प्राधिकरण आर्थिक लाभ पहुंचा रहे हैं। इसके लिए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन रमेश ने सम्मानित भी किया था। आप अभी तक ने डॉ. नितिन गौड़ से मुलाकात कर कुछ सवालों के जवाब जाने।
कैसे शुरू हुआ डॉक्टर से आईएएस बनने का सफर
जैसा की हमने ऊपर बताया कि सिविल सर्विस में आने से पहले डॉ. नितिन गौड़ मेडिकल क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जब उनसे पूछा गया कि डॉक्टर से आईएएस बनने का विचार कैसे आया, तो उन्होंने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें अपने सीनियर्स से मिली। डॉक्टर गॉड ने कहा, जब मैं मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था, उस दौरान मेरे कई सीनियर्स सिविल सर्विस की तैयारी में लगे थे। उन्होंने मुझे बताया कि सिविल सर्विसेज में अभूतपूर्व स्कोप है। यह देश और लोगों की सेवा करने का एक बेहतरीन मंच है। इसके बाद मेरे कई सीनियर्स का सिलेक्शन सिविल सर्विसेज के लिए हुआ, तब मेरे भी मन में जिज्ञासा जागी की मैं भी सिविल सर्विस जॉइन करूंगा। बस वहीं से आईएएस बनने का सफर शुरू हो गया था।
हापुड़ में विकास को लेकर क्या ब्लूप्रिंट है
जब डॉक्टर नितिन गौड़ पिलखुवा हापुड़ प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने थे, तभी उन्होंने यह जाहिर कर दिया था कि चल रही योजनाओं पर पारदर्शिता के साथ काम किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि विकास को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हापुड़ पिलखुआ एक प्रगतिशील विकास प्राधिकरण है, क्योंकि यह एनसीआर का हिस्सा है और इसकी रोड कनेक्टिविटी काफी बेहतर है। इसलिए यहां विकास की काफी संभावनाएं हैं। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि संयोजित कॉलोनियों को सुनिश्चित करें और आमजन को इसका फायदा हो। इसके अलावा रेजिडेंशियल कॉलोनी का प्लान बनाना और अवैध निर्माण पर रोक लगाना भी प्राधिकरण की प्राथमिकताओं में है। पिछले दो वर्षों में हापुड़ पिलखुआ प्राधिकरण ने काफी तरक्की की है, जो भविष्य में भी जारी रहेगी।
अवैध निर्माण पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं
जब डॉ. नितिन गौड़ से अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, अवैध निर्माण ना हो इसके लिए हमारी टीम हमेशा सक्रिय रहती है। टीम द्वारा जो भी अवैध प्लाटिंग पाई जाती है या लोगों के जरिए सूचना मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा बिना नक्शा पास कराए या नक्शे के खिलाफ जो भी निर्माण होते हैं, उन पर भी हम तुरंत एक्शन लेते हैं।
क्या अपनी हॉबीज को वक्त दे पाते हैं
जैसा कि हमने ऊपर बताया था कि डॉक्टर नितिन गौड़, एक खेल प्रेमी भी है। वह क्रिकेट और टेनिस का शौक रखते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या अपने काम के चलते अपनी हॉबीज को वक्त दे पाते हैं? तो उन्होंने कहा, जब भी मौका मिलता मेरी कोशिश रहती है कि मैं खेल गतिविधियों को समय दूं। उन्होंने कहा कि खेलकूद हमारे जीवन का हिस्सा है। सभी को इसे अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए।
युवाओं को दिया संदेश
क्योंकि काफी सारे युवा डॉ. नितिन गौड़ को अपना आइकॉन मानते हैं। इसी को लेकर डॉ. गौड़ से पूछा गया कि आप यूथ को क्या संदेश देना चाहेंगे। इसपर उन्होंने कहा कि जो भी आप करना चाहते हैं, उसे पूरे डेडीकेशन के साथ करें। जिस काम में आप अपना 100 प्रतिशत दे सकते हैं, उसे पूरा करें। एकेडमिक, बिजनेस, स्पोर्ट्स या जिस भी क्षेत्र में आपकी स्किल है, उन्हें डेवलप करें। कोई भी फील्ड चुननी हो, उससे जुड़ी चीजों को हमेशा सीखते रहें।



