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Bihar Chunav: उम्र 74, 24 दिन में 84 चुनावी रैलियां, बुढ़ापे पर सवाल उठाने वालों को CM नीतीश का मुंहतोड़ जवाब
Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र और खराब सेहत को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा था
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में रैलियों और जनसभाओं का शोर थम गया है. अब 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. 14 नवंबर को चुनावी नतीजे आएंगे. इस करीब 24 दिनों के प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना थके, बिना रुके अपना सियासी पराक्रम दिखाया. बिहार चुनाव का बिगुल बजने से पहले जो लोग CM नीतीश की बढ़ती उम्र पर सवाल उठा रहे थे, उनलोगों को उन्होंने मुश्किल हालात में भी ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं कर करारा जवाब देने की कोशिश की है.
सीएम नीतीश कुमार ने करीब 24 दिनों में कुल 84 जनसभाएं की. यानी रोजाना करीब तीन से भी ज्यादा जनसभाएं. यहां भी ध्यान दिला दें कि दिवाली और छठ पूजा के दौरान करीब सात दिनों तक सीएम ने कोई सभाएं नहीं की. इसके बाद भी उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में रैलियां की. सीएम ने ना केवल हेलीकॉप्टर से रैलियों को अटेंड किया बल्कि खराब मौसम और भारी बारिश के बीच सड़क मार्ग से 1000 किलोमीटर की यात्राएं की.
नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तक का डटे दिखे. पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ आखिरी दिन तक प्रचार किया. सीएम ने 2025 के चुनाव प्रचार का अपना आखिरी शो गया के टिकारी में किया. बिहार विधानसभा चुनाव के सियासी रण में सीएम नीतीश कुमार पहले दिन से आखिरी दिन तक डटे रहे. नीतीश कुमार ने प्रचार के आखिरी दिन गया औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. टिकारी में शाम में नीतीश कुमार ने 2025 बिहार चुनाव का आखिरी प्रचार-प्रसार किया. उन्होंने जीतन मांझी की पार्टी हम के प्रत्याशी अनिल कुमार के पक्ष में वोटों की अपील की.यहां की जनसभा में नीतीश कुमार ने कहा- ‘सब तरह से सब काम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया है. हर तरह से एक-एक चीज को देख के हम लोगों ने काम किया है. राज्य में सड़कों और पुल पुलियों का भी निर्माण कराया गया है. एक-एक तरह से सब काम किया गया.’औरंगाबाद के नबी नगर में सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू प्रत्याशी चेतन आनंद के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. यहां नीतीश कुमार ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा- ‘उनकी सरकार में विकास का कहीं कोई काम नहीं हुआ, लेकिन काम करने का झूठा प्रचार करते फिर रहे हैं. वो सब कोई काम करता था. ये भी जान लीजिए. 2005 से पूर्व बिहार ऐसी हालत में था कि लोग परेशान थे. पूरे राज्य में डर एवं भय का माहौल था. समाज में विवाद होता था. ना सही ढंग से पढ़ाई की व्यवस्था थी. ना इलाज की ना बिजली की ना सड़क की. पहले वाली सरकार ने कुछ काम नहीं किया और हम ही लोग किए हैं और अब केंद्र का पूरा का पूरा मदद हो रहा है.’



