
बिहार में इस साल चुनाव होने हैं। इसीलिए पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगातर जनता के वोटों को अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं। यही वजह है कि राज्य की दो मुख्य पार्टियां जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल एक-दूसरे पर पोस्टर के जरिए निशाना साध रही हैं। नए साल के मौके पर जदयू ने राजद के 15 सालों पर निशाना साधते हुए ‘हिसाब दो हिसाब लो’ का पोस्टर लगाया था।
जिसके जवाब में राजद ने पोस्टर जारी किया है। जिसमें लिखा है- ‘झूठ की टोकरी, घोटालों का धंधा’। राजद प्रदेश कार्यालय के बाहर लगाए गए इस पोस्टर में केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि खास बात यह है कि राजद के जवाबी पोस्टर किसी नेता-कार्यकर्ता का नहीं बल्कि पार्टी का अधिकृत पोस्टर है। इसे नीति आयोग की ओर से प्रमाणित होने का दावा भी किया गया है।
जदयू पर निशाना साधते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता सिद्धार्थ क्षत्रिय ने पटना में एक पोस्टर लगाया है। जिसमें लिखा है- साल 2020, बात 2020, चुनावी साल, नो टेस्ट मैच। मिट्टी में मिल जाएंगे भाजपा में न जाएंगे की बात कहने वाले दूसरे की मिट्टी और भूत की कहानी सुनाकर बिहार की जनता को खुद के वादों से न भटकाएं।
राजद ने अपने पोस्टर में राज्य के साथ ही केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लिया है। देश में महंगाई होन का दावा करते हुए पार्टी द्वारा राफेल खरीद को लेकर सवाल उठाने के अलावा नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या के देश छोड़कर भागने पर तंज कसा है। पोस्टर में केंद्र सरकार पर सूखा, शराब माफिया और घूसखोरी के आरोप लगाए गए हैं। केंद्र सरकार को जुमलों की टोकरी बताई गई है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू-राबड़ी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यदि 1990-2005 के बिहार का वास्तविक पोस्टर बनाया जाए, तो वह इतना भयावह होगा कि नई पीढ़ी कांप जाएगी। जो लोग सच देखने का साहस रखते हों, उन्हें बिहार के हालात पर बनी दो फिल्में ‘गंगा जल’ और ‘अपहरण’ यू-ट्यूब से डाउनलोड कर अवश्य देखनी चाहिए। ये दोनों फिल्में भाजपा ने नहीं बनाई थीं।