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जनाधार खो बैठी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के लिए जूतम- पैजार

गाजियाबाद। जनाधार खो बैठी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के लिए नेताओं के बीच जूतम पैजार की स्थिति बनती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में काफी आगे चल रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम के खिलाफ पार्टी के कुछ नेताओं ने बयान बाजी शुरू कर दी है।
पूर्व में प्रमोद त्यागी के नाम से जाने गए प्रदेश कांग्रेश में महासचिव के पद पर रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम आज भी कांग्रेश के प्रमुख चेहरों में गिने जाते हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनका नाम प्रमुखता के साथ चलने के बाद पार्टी का एक धड़ा उनका विरोध कर रहा है।
विधानसभा चुनाव में बुरी तरह मुंह की खाने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। खुद अजय कुमार लल्लू भी चुनाव नहीं जीत सके थे। आचार्य प्रमोद कृष्णम पिछले एक माह से प्रदेश में काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। पिछले दिनों वे सपा के कद्दावर नेता आजम खान से जेल में जाकर भी मिले थे। आजम खान के साथ उनकी मुलाकात के बाद ही कांग्रेसी नेताओं में यह चर्चा तेज हुई कि आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रदेश अध्यक्ष पर दावेदारी मजबूत हो रही है।
गाजियाबाद के हिंडन पार क्षेत्र में रहने वाले प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठाधीश्वर हैं। अपने खिलाफ हो रही बयानबाजी पर उन्होंने विरोधी धड़े पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस में वामपंथी दलों के एजेंट इस तरह काम कर रहे हैं कि पार्टी का जनाधार उन्होंने खत्म कर दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि वामपंथी दलों के इन एजेंटों में कांग्रेस को पूरी तरह हिंदू विरोधी के रूप में बना दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रदेश अध्यक्ष बना कर कांग्रेस नेतृत्व एक तीर से कई निशाने साधना चाहता है। आचार्य प्रमोद कृष्णम त्यागी जाति से आते हैं जो पूर्वांचल में भूमिहार और पश्चिम क्षेत्र में त्यागी समाज के रूप से जानी जाती है। इसके अलावा आचार्य कृष्णम प्रमुख हिंदूवादी चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। आचार्य कृष्णम मूल रूप से मुरादाबाद क्षेत्र के रहने वाले हैं। माना जा रहा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मुहिम काफी मजबूत है और उन्हें किसी भी समय प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।