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देश में संगठित अपराध का रूप धारण कर गया है ड्रग्स का करोड़ों का कारोबार
कौन है भारत का पाब्लो एस्कोबार? कई देशों से जुड़े हैं ड्रग्स कारोबार के तार

ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब भारत में नशे की पुड़िया पक्की जाती थी। देश के अलग-अलग शहरों में 30 ग्राम, 50 ग्राम या 100 ग्राम की रेंज की पुड़िया के साथ नाइजीरियाई नागरिक पकड़े जाते थे। 2 या 4 ग्राम की पुड़िया के साथ फिल्म उद्योग से जुड़े लोग पकड़े जाते थे लेकिन भारत अब उससे बहुत आगे निकल गया है। भारत में अब ग्राम में नहीं, किलो में नहीं बल्कि क्विंटल तक में नशीले पदार्थ पकड़े जा रहे हैं। एक एक जगह से तीन -तीन टन हेरोइन पकड़ी जा रही है। कुछ वर्ष पहले तक जब नशे के कारोबार एक रिपोर्ट आई थी तब बताया गया था कि पिछले 3 साल में यानी 2015 से 2018 के बीच भारत में नशे का कारोबार 455 फ़ीसदी बढ़ गया है। दो हजार अट्ठारह के बाद कितनी बढ़ोतरी हुई है इसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है लेकिन यह तय हो गया है नशे का कारोबार बहुत बड़ा हो गया है।
राजधानी दिल्ली से 11 मई को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 55 किलो हेरोइन पकड़ी गई। इसी क्रम में डीआरआई ने पंजाब और हरियाणा से 7 किलो हेरोइन और ₹5000000 पर पकड़े जिसकी वजह से कुल जब्ती 62 किलो हो गई जिसकी कीमत 434 करोड़ रुपए है। बताया जा रहा है कि जिस कार्गो से हेरोइन बारात आई वह युगांडा के एंटी में हवाई अड्डे से चला था और दुबई के रास्ते वह भारत पहुंचा। से लगभग 10 दिन पहले दिल्ली के भोगल इलाके से एनसीबी ने दो अफगानी नागरिकों को पकड़ा था जिसे एक सौ करोड़ रुपए की नशीली वस्तुएं जबकि गई थी। पिछले हफ्ते में ही दिल्ली से साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए की नशीली वस्तुएं पकड़ी गई है जिससे दिल्ली में नशे के कारोबार की व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल उठता है कि नशे का यह कारोबार देश में क्या अब संगठित कारोबार में बदल गया है। पिछले वर्षों के मुकाबले अब ऐसा लग रहा है कि नशे का कारोबार आगे ना इसके तरीके से चल रहा है। पहले भारत में पूर्वोत्तर राज्यों से नशीली वस्तुएं भारत में आती थी जो गोल्डन ट्रायंगल का पुराना रूट रहा है। का रास्ता पाकिस्तान से होकर था जिससे ड्रग्स पंजाब के रास्ते पूरे देश में पहुंचती थी। पंजाब में युवाओं के वृक्ष के शिकंजे में फंसने का एक बड़ा कारण यह भी रहा है। तीसरा रास्ता वायु मार्ग और चौथा ईरान के रास्ते से समुद्र को माध्यम बनाकर नशीली वस्तुएं भारत में आती थी लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस संगठित कारोबार में कुछ बड़े लोग और बड़े लोगों की पूंजी शामिल है। अब यह सवाल उठने लगा है कि भारत का पाब्लो एस्कोबार कौन है? पाब्लो एस्कोबार एक पुर्तगाली नागरिक जिसने यूरोप में संगठन से नशे का कारोबार फैलाया था। जिस ढंग से देश में बड़े पैमाने पर ड्रग्स का कारोबार पनप रहा है उसे देखते हुए सवाल उठता है कि इस संगठित कारोबार को देश का कोई एक या कई बड़े धनपति मिलकर चला रहे हैं जो देश को तबाही की ओर ले जाने का खेल खेल रहे हैं।
हाल में नशे की बरामदगी का चर्चित मामला देश के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी के नियंत्रण वाले मुंदरा बंदरगाह पर तीन टन हेरोइन की बरामद की थी जिसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपए आंकी गई थी। टेलकम पाउडर बताकर भारत भेजा गया था। इससे पहले अफगानिस्तान के रास्ते टेलकम पाउडर की कई नहीं पा रहा था चुकी। 2020 में गुजरात में 195 करोड़ के नशीले पदार्थ जब हुए थे तो 2021 से बढ़कर यह बरामदगी 1617 करोड़ रुपए हो गई। 2022 में अभी 4 महीने ही पीते हैं कि गुजरात में अब तक चार हजार करोड़ के नशीले पदार्थ जप्त हो चुके हैं । इसका मतलब है कि अगर हजारों करोड़ रुपए की झप्पी हो रही है तो नशे का कारोबार लाखों करोड़ों रुपए का है जिस पर केंद्र को राज्य सरकार है लगाम लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।