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जिला गाजियाबाद को लागी किसकी नजर
किसी ओझा से झाड़ फूंक क्यों न करा ले गाजियाबाद पुलिस?

सुभाष चंद, (आप अभी तक)
गाजियाबाद। 28 मार्च को दिनदहाडेÞ हथियारों के बल पर अरिहंत पेट्रोल पंप के कर्मचारियों से हुई 25 लाख रुपए की लूट में जहां एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया था वहीं एसएसपी मुनिराज को गाजियाबाद की कमान सौंपी गई। उन्होंने चार्ज लिया भी नही था कि बदमाशों ने बैंक में लूटपाट कर मुनिराज का जोरदार स्वागत किया था। उसके बाद मंगलवार को दिनदहाड़े कारोबारी से 3 लाख रुपए की लूट हो जाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है। आए दिन कहीं चेन छपटमार तो कहीं मोबाइल लुटेरे आसानी से अपनी कारगुजारी को अंजाम दे रहे हैं। अब तो ऐसा लग रहा है कि हॉट सिटी गाजियाबाद लूट सिटी में तब्दील हो चुकी है। शायद किसी की नजर जिले को लग गई है। इसलिए अब गाजियाबाद पुलिस को किसी ज्ञानी, बुद्धिमानी ओझा से झाड़ फूंक करा लेनी चाहिए? क्योंकि जिले की कानून व्यवस्था इस समय पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुकी है। ऐसा भी नही है कि पुलिस गश्त नही कर रही, बल्कि सुबह शाम सख्ती से चैकिंग अभियान भी पूरे जनपद में चल रही है। समझ यह नही आ रहा कि विगत माह से लेकर अब तक पुलिस दर्जनों बदमाशों को लंगडा कर चुकी है। बावजूद इसके बदमाशों के हौंसले बुलंद है, यह भी कहा जाए कि अपराधियों में पुलिस के द्वारा लंगडा करने का कोई भय नही रह गया है तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। अपराधियों पर अंकुश कैसे लगे और कानून व्यवस्था कैसे दुरुस्त हो यह एसएसपी मुनिराज के लिए अब बड़ी चुनौती है।