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यूक्रेन में छात्रों की ढाल बना तिरंगा:यूक्रेन से लौटे कायमगंज के वरुण गंगवार ने बताई आपबीती, बोले पाकिस्तान के लोगों के हाथ में था तिरंगा

कायमगंज : बीते एक सप्ताह से रूस और यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, तमाम भारतीय छात्र -छात्राएं यूक्रेन में फंसे हुए हैं जो अपने वतन वापसी का इंतजार कर रहे हैं। शमशाबाद के फैजबाग निवासी अखिलेश गंगवार का पुत्र वरुण गंगवार भी यूक्रेन के ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहा है।
जहां वह 10 सितंबर को यूक्रेन गया था। वरुण ने बताया कि युद्ध तो जारी है लेकिन जब तक वह ओडेशा शहर में रहा तब तक धमाके उस क्षेत्र में नहीं हुए। इतना जरूर कहा कि कहीं न कहीं भारत ने निर्णय लेने में थोड़ी देर कर दी।
जैसे ही रूस और यूक्रेन में युद्ध के हालात बने थे तो तत्काल भारत सरकार को निर्णय लेना चाहिए था और भारत के सभी नागरिकों को तत्काल रेस्क्यू करना चाहिए था l उसने बताया कि वह बीते 27 फरवरी को ट्रेन के द्वारा हंगरी बॉर्डर पर पहुंचा। जिसके बाद वहां उसे एंबेसी के लोग मिले और हंगरी के ही शहर बुडापेस्ट में सभी छात्रों को होटल में ठहराया। उसकी फ्लाइट बीती रात 10 बजे हंगरी से रवाना हुई जो सुबह दिल्ली पहुंची।
जिसके बाद उसके पारिवारिक भाइ श्याम उसे दिल्ली लेने पहुंचे l जहां से वह फर्रुखाबाद के फैजबाग तक पहुंचे। उसने बताया कि जहां वह रह रहा था वहां कोई दिक्कत नहीं हुई। उसने यह भी बताया कि कहीं न कहीं भारत का तिरंगा छात्रों के लिए ढाल बना रहा। पाकिस्तानी छात्र भी वहां धमाकों से बचने के लिए हाथों में तिरंगा थामे हुए नजर आ रहे थे l