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गाजियाबाद सीट पर विपक्ष में भारी बिखराव का लाभ मिलेगा अतुल गर्ग को

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गाजियाबाद। वर्ष 2017 के मुकाबले गाजियाबाद सीट से भाजपा विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग का लगभग हर वर्ग में विरोध हो रहा है। इसके बावजूद गैर भाजपाई राजनीतिक दलों की खींचतान में मतदाता इस तरह उलझ गया है कि इसका सीधा लाभ अतुल गर्ग को पहुंचेगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने यहां सुशांत गोयल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। दूसरी तरफ सपा रालोद गठबंधन ने जाटव समाज के एडवोकेट विशाल वर्मा को मैदान में उतारा है। बसपा ने भी खांटी संघी केके शुक्ला को भाजपा से तोड़कर टिकट थमा दिया है। यह स्थिति ऐसी है जब मुस्लिम वर्ग खुद भ्रमित है और रालोद का मतदाता भी कुछ सोच नहीं पा रहा है। यही हालत बसपा के कैडर वोट बैंक में भी है जो जाटव समाज के विशाल वर्मा और के के शुक्ला के बीच विभाजित हो रहा है। विशाल वर्मा जहां ज्यादा वोट बैंक में सेंध लगा रहे हैं वहीं मुस्लिम मतदाता उनको लेकर पशोपेश में है। मुस्लिम मतदाताओं के बीच इस सीट पर उत्साह की कमी है जो कम मतदान के रूप में सामने आ सकती है। कांग्रेश के सुशांत गोयल को खुद को जनता के बीच साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
यही स्थिति भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग के लिए काफी मुफीद है। अतुल गर्ग को सबसे बड़ी चुनौती लाइनपार क्षेत्र में है जहां उन्हें अपने आप को मजबूत बनाए रखने के लिए पहले के मुकाबले अधिक जोर लगाना होगा। भाजपा प्रत्याशी का सबसे मजबूत पहलू संघ परिवार और पन्ना प्रमुख है जिन्होंने घर घर पहुंचना शुरू कर दिया है और केवल इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भाजपा का एक-एक मतदाता अपना मत डाले।