Breaking Newsउत्तर प्रदेशराष्ट्रीय
महिला सफाई कर्मचारी इलाज के अभाव में तोड़ रही है दम

इरादतनगर-राम बेटी ने स्वेचिक इच्छा से कई वर्षों से बिना किसी तनखाह के वर्षों से इरादतनगर कस्बे की गंदगी और गलियों ओर मोहल्लों की सफाई की जिम्मेदारी कंधों पर उठाई आज सफाई की जिम्मेदारी उठाने बाले कंधे बीमारी ने घेर लिया रामबेटी नाम की महिला 5 महीने से इलाज के अभाव में दिन व दिन अपना दम तोड़ रही है कारण इलाज के पैसे नही है और कोई मददगार नही है बीते एक साल जमा पूंजी से इलाज करवाया लेकिन इलाज सफल नही हुआ और डॉक्टरों के कीमती खर्चो ने उसको घर पर दम घुटने के लिए मजबूर कर दिया बीते 5 महीने से रामबेटी अपने ही घर मे किसी मददगार की राह देखते हुए इलाज के लिए उम्मीद लगाए बैठे हुए है
आपको बता दे रमाबेटी पत्नी रमेश चन्द्र इरादतनगर के बाल्मीकि बस्ती में रहती है बीते 2 दशक से केवल खाने और चन्द रुपये में गली मोहल्लों में सफाई का काम करती है 8 महीने पूर्व सफाई के दौरान रीड की हड्डी में दर्द हुआ तो सरकारी अस्पताल से इलाज करवाया दिन व दिन दर्द बढ़ता गया और चलने फिरने में असमर्थ हो गयी और इलाज के लिए परिवार ग्वालियर निजी अस्पताल में ले गया जहां महंगी महंगी दवाइयों ओर ट्रीटमेंट ने इलाज को महंगा कर दिया जमापूंजी खत्म हो गयी और मजबूरन लौट कर घर आना पड़ा और पिछले 5 महीनों से दयनीय स्थिति होने पर इलाज के अभाव से दम तोड़ रही है ।
वही बेटी अंजनी ने बताया की माँ को रीड की हड्डी में मवाद ओर पानी भरने की वजह से दिक्कत थी इलाज करवाया कई महंगी रिपोर्ट्स हुई ओर अंत मे लाखो रुपये से महंगे ऑपेरशन के बारे में बताया गया पैसे और इलाज के अभाव से लौट कर घर आना पड़ा वही परिवार के मौजूदा लोग उम्मीद हार कर ही घर पर ही सेवा करने में जुटे हुए है
वही परिवार की स्थित बहुत नाजुक है दो बेटे और दो बेटियां है एक बेटे की शादी हो गयी है पूरा परिवार दयनीय ओर आर्थिक कमजोर स्थिति से कई सालों से गुजर रहा है बच्चों का भरण पोषण और बेटियों की शादी कस्बे भर की सफाई से आई हुई आमदनी से हुए हुई थोड़ी बहुत जमा पूंजी से घर का खर्चा इलाज हुआ बीते 5 महीने से आज रामबेटी अपने ही इलाज के अभाव से बन्द कमरे के तख्त से खुद का दम तोड़ रही है न उठ सकती है न चल सकती बस ईश्वर से दुआएं है कि काश कोई मददगार आये और उसकी मदद करे ।