Breaking Newsउत्तर प्रदेशमेरठराष्ट्रीय
मां का आशीर्वाद अमोघ होता है : विजय कौशल महाराज

सरधना।नगर के रामलीला मैदान में चल रही राम कथा के तीसरे दिन महाराज जी ने राम वन गमन की कथा सुनाते हुए कहा की राजा दशरथ से केकई ने बड़ी चतुराई से अपने दो वरदान मांग लिए जिसमे पहला अपने बेटे भरत को राजतिलक दूसरा भगवान राम को बनवास दूसरा वरदान सुनते ही महाराज दशरथ बेसुध हो गए ।लेकिन जैसे ही भगवान राम को यह बात का पता लगा तो उन्होंने बड़े ही सहजता से वन गमन स्वीकार कर लिया।महाराज जी ने माता कौशल्या के चरित्र की महानता सुनाते हुए कहा कि जब उनकी मां कौशल्या को सारी बात पता चली तो उन्होंने बड़ी ही सहजता से राम को वन गमन की आज्ञा दे दी ।
अवध परिवार की नीतियों के कारण समाज में राम राज्य की स्थापना हो सकी।महाराज जी ने बताया कि जैसे ही राम वनवास की सूचना अवध वासियों को मिली।संपूर्ण प्रजा में आहकार मच गया सब बिलख बिलख कर रोने लगे।रानी केकई को कोसने लगे महाराज जी ने इस प्रसंग को बहुत ही करुणा के साथ सुनाया इसे सुनकर पंडाल में बैठे सभी श्रद्धालुओं के नेत्रों से अश्रु धारा बहने लगी।महाराज जी ने सुमित्रा की महानता को वर्णित करते हुए कहा सुमित्रा से लक्ष्मण जी वन गमन की आज्ञा लेने गए तो उन्होंने सहर्ष लक्ष्मण को आज्ञा दी।तथा यह भी कहा कि सब प्रकार से अपने भाई राम की सेवा करना।महाराज जी ने इसी संदर्भ में उदाहरण देते हुए कहा कि ना जाने राष्ट्र धर्म की रक्षा के लिए कितनी माताओं ने अपने पुत्रों का बलिदान कर दिया ।
तब जाकर राष्ट्र धर्म की रक्षा होती है।भारत मां की रक्षा होती है।
महाराज जी ने लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला जी के चरित्र के बारे में बताते हुए कहा कि उर्मिला ने अपने पति को भगवान श्री राम के साथ जाने की स्वीकार्यता दे दी।उर्मिला ने पत्नी धर्म का आदर्श प्रस्तुत किया तथा इस संसार के समस्त नारियों के लिए एक उदाहरण बन गई।
कथा में मुख्य यजमान विधायक संगीत सोम रहे।
मुख्य रूप से गगन सोम,मानिक चंद जैन,डॉक्टर महेश सोम, मलखान सैनी,संजीव गुप्ता, सनातन धर्म युवा संगठन के अध्यक्ष विपिन त्यागी,डॉक्टर सुनील त्यागी,शक्ति सिंधु भारद्वाज,मलखान सैनी,शेखर सोम, विनोद सोम,तेजस,विमला अरोरा,श्वेता वर्मा,शालू पूरी, साक्षी गुप्ता,शेफाली गर्ग,आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।प्रसाद का वितरण सुशील कुमार केके पब्लिक स्कूल वालों की ओर से किया गया
संवाददाता जावेद अब्बासी