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कृषि कानूनों को लेकर यूपी गेट पर किसानों का हंगामा जारी
मेरठ एक्सप्रेस-वे पर लगा जाम, पुलिस ड्रोन से कर रही निगरानी

इमरान खान
नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन का आज नौंवा दिन है। नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहे किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। पिछली बार की तरह ही कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान नेताओं के बातचीत के बीच में सरकार की तरफ से की गई दोपहर के भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया। सरकार ने बातचीत के लिए पहुंचे विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उन पर खुले दिमाग से विचार किया जाएगा, लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुए कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया। बताया जा रहा है कि आज किसान अपनी आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-एनसीआर की यातायात प्रभावित हो रहा है।
और पुलिस अधिकारियों की बातचीत शुरू
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली कूच के चलते फरीदाबाद जिले के सीकरी बॉर्डर पर भारी जाम लग गया और वाहन रेंगते दिखे। इसके चलते यहां से निकलने वाले वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ सीकरी बॉर्डर पर डटे किसान नारेबाजी कर रहे हैं। ये सभी किसान पलवल जिले के हैं। किसान और पुलिस अधिकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। इस बीच किसान नाके पर बैठ गए हैं और दिल्ली जाने देने की अनुमति मांग रहे हैं। मगर, पुलिस उन्हें यहीं पर रुकने के लिए समझा रही है।
पुलिस ने सीकरी बॉर्डर पर नाकेबंदी की हुई है। नाकेबंदी की वजह से यहां ट्रैफिक रेंग-रेंग कर चल रहा है। पलवल की ओर से आने वाले ट्रैफिक को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। वहीं, बल्लभगढ़ से पलवल की ओर जाने वाले ट्रैफिक को खास परेशानी नहीं हो रही है। बॉर्डर से कुछ पहले सीकरी अंडरपास का निर्माण कार्य चल रहा है। इस वजह से यहां वाहनों की रफ्तार वैसे ही थमी रहती है। उधर, दिल्ली-बदरपुर बॉर्डर पर भी वाहनों की रफ्तार थमी हुई है। टोल प्लाजा के बराबर से सर्विस लेन से जाने वाले ट्रैफिक की रफ्तार थमी हुई है। यहां पुलिस ऐसे वाहनों को रोककर जांच कर रही थी, जिनमें पुलिस को किसानों के बैठे होने की आशंका थी।
कर्मचारी संगठनों ने दिया किसान आंदोलन को समर्थन
किसान आंदोलन के समर्थन में गुरुग्राम जिले के मजदूर और कर्मचारी संगठन भी अब एक-एक कर सड़कों पर उतर रहे हैं l शुक्रवार को ट्रेड यूनियन काउंसिल के बैनर तले आधा दर्जन कर्मचारी संगठनों ने लघु सचिवालय पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की और किसानों का दमन करने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की l इससे पहले गुरुवार को मारुति सुजुकी मजदूर संघ ने लघु सचिवालय पर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा था l